शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

मोबाइल से निकलेगी रोटी!


   मोबाइल से निकलेगी रोटी!
क्या रोटी देगा मोबाइल...क्या भूख मिटाएगा मोबाइल...क्या प्यास बुझाएगा मोबाइल...क्या गरीबी मिटाएगा मोबाइल...भारत आज ऐसे कई सवाल कर रहा है....मोबाइल कम्पनियों की प्रतिस्पर्धा ने मोबाइल को हर जरूरतमंद हाथों तक पहुंचा दिया है... रिक्शावाला भी मनरेगा में काम करने वालें मजदूरों-रिश्तेदारों से दूर देश में मोबाइल से बात करता है...तो फिर सरकार इसमें क्या करने वाली है...यूपीए सरकार ने हर हाथ को मोबाइल देने का फरमान जारी किया है... 21 वीं सदी के भारत के लोगों को सरकार ने आखिर क्या समझ लिया है...प्रधानमंत्री जी, आपकी सरकार ने लोगों को महंगाई से मार-मार कर मुआ दिया है... पेट्रोल और डीजल ने धुंआ-धुआं कर दिया है... पहले अंग्रेज और अब अंग्रेजों के बाद भ्रष्टाचार ने गरीबों को चीथड़े ओढ़ने और बिछाने पर मजबूर कर दिया है...सरकार जी, आपके मोबाइल रूपी वोट झटकने के रिंगटोन को लोग खूब समझ रहे हैं...साहब अब जमाना गया...अब तो आज जन्म लेने वाला बच्चा भी मोबाइल के रिंगटोन और झुनझुने का फर्क जानता है... तो साहब उन बच्चों के बाप को मनमोहन सिंह जी आपका मोबाइल कितना भरमाएगा...प्रधानमंत्री जी आपका आयोग अपने लिए 34 लाख का बाथरूम बनाता है... और गरीब को 28 रुपये में पूरे परिवार को पेट भर देता है...क्या मोबाइल, मन मोह लेगा....अट्टालिकाओं और मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट में नहीं...झोपड़ियों और देश की सड़कों पर दिखती है भारत की असली तस्वीर...  उस तस्वीर को क्या मोबाइल मिटा पाएगा...मोबाइल के रिंगटोन में भ्रष्टाचार को गुम करने के पीछे सोच भी बतानी होगी आपको...मोबाइल के कलर में क्या किल हो जाएगी महंगाई... मोबाइल किसानों के खेत हरे कर देगा...मोबाइल क्या रोजगार देगा...देश की धरती सोना उगलती है...हीरे मोती उगलती है...लेकिन, भ्रष्टाचार तो पूरा देश ही निगल रहा है...अनाज सड़ा दिये जाते हैं... रसोई गैस नेता जी लूट ले जाते हैं... जहां लूट की छूट है...वहां मोबाइल से वोट की लूट... ये पब्लिक है...सब जानती-समझती है...

 राजीव रंजन विद्यार्थी



1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

hr jgah lut machi hai kon sambhalega.. hm sudhrenge to desh sudhrega.. jai hind....