शनिवार, 27 मार्च 2010

होली और 'हाट'

होली के पावन त्योहार में
रंगों के मनभावन फुहार में
भींगे तन-मन अपना जीवन
गुलाल की खुशबू बयार में।
विक्रम संवत 2067 शुभ हो
चैत की गर्माहट अब हो
जीवन की रंगीनियां हो जब
क्यों न डूबें हम प्यार में।
पलाश के रक्तिम यौवन में
महुआ के मदमाते जीवन में
वन-प्रांतर में होता पतझड़
कोलाहल है गांव-जबार में।
याद करें आश्रम-जीवन हम
रंग-गुलाल में डूबा बचपन
चलों करें उसको तरो-ताजा
स्वागत है नेतरहाट परिवार में।
--राजेश रमण (सत्र 1981-88) rajeshraman451@gmail.com
{संप्रति नेतरहाट विद्यालय (पुस्तकालय) में कार्यरत}