रविवार, 15 मार्च 2009

HEADDER

ATHA
EED EID
इमा- ये सब


विभु- बड़ा महान परमेश्वर


परम


एव- निश्चय


अर्ह-योग्य



शाधि-उपदेश


विद्धि-जानो


किंवा-


किबा


अनयो:


वर्त-लगा रहता हूं


यथा- जिस तरह


यतय: - प्रबुद्ध पुरूष


जुह्यति-अर्पित करते हैं


वर्त्म-पथ का


विध:


ज्ञ:


क्रतु


सद: - सभा


चरु:


पुमान


हतं


हवि


अमी


अद्रि


परम


अजम


सायनो


चर्च- ध्यान लगाना, गाली देना


पुनर्भव


पराम् - दिव्य


साम्यक् - पूर्णतया


धारयन-धारण करता हुआ

taxila

चौल

काय:

युंजन- अभ्यास करते हुये

अलका - घुंघरारे लटके हुए बाल जो सिर से आगे चेहरे कपाल तक लटकते हैं।

रविवार, 1 मार्च 2009

अब जरा सोच कर होलिका पहचानें

फिर आ गई होली। तो फिऱ जरा पहचान लें होलिका को...हिरण्यकश्यप सात समुद्दर पार बैठा हुआ है भाई....ईशारे उसके चलते हैं और काम होता है अपने घऱ परिवार और समाज में....इस पर्व के बाद एक महापर्व भी आने वाला है...वह है लोकतंत्र का महापर्व....होलिका का असली खेल वहीं पता चलेगा....अब तक तो छोटे छोटे खेल धूप से उसने लिंक जोड़ो अभियान चला रखा है....अब महालिंक का खेल करने की तैयारी है...इस लिए इसबार का होलिका दहन साधारम नहीं...अब नींद में होलिका जलाने से काम नहीं चलेगा।